कालाजार उन्मूलन की नई पहल : प्रभावित गाँव में घर-घर बाँटा गया नववर्ष का कैलेंडर

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– कैलेंडर में कालाजार के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय हैं दर्ज, -इमरजेन्सी नंबर भी किया गया है दर्ज, जरूरत पड़ने पर पीड़ित परिवार कर सकेंगे संपर्क
– अलौली प्रखंड के कालाजार प्रभावित सूरजनगर गाँव में कैलेंडर का किया गया वितरण
खगड़िया, 04 जनवरी
कालाजार उन्मूलन को लेकर जिले में जहाँ लगातार सघन मरीज खोज अभियान सहित अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, अब नववर्ष  पर एक नई और अच्छी पहल की शुरुआत की गई है। मंगलवार को जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत सूरजनगर गाँव में घर-घर नववर्ष  2022 के कैलेंडर का वितरण किया गया। यह वितरण स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के सहयोग से किया गया। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और केयर इंडिया के सहयोग से संभवतः पूरे प्रदेश में सबसे पहले इस नई पहल की शुरूआत की गई है, जो ना सिर्फ नई पहल है बल्कि, कालाजार उन्मूलन को लेकर बेहतर कदम भी है। वहीं, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार के नेतृत्व में कैलेंडर वितरण किया गया। इस वितरण टीम में डीभीबीडीसी बबलू सहनी, भीबीडीएस अरुण कुमार, मो शहनवाज, केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती, बीसी संजय कुमार समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
– कैलेंडर में कालाजार के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय हैं दर्ज :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया, मंगलवार को सूरजनगर गाँव में घर-घर जाकर एक-एक परिवार के बीच नववर्ष का कैलेंडर वितरण किया गया। जिसमें कालाजार के कारण, लक्षण और बचाव की उपाय लिखा हुआ है। साथ ही स्थानीय पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित संबंधित बीमारी के चिकित्सकों समेत अन्य सहयोगी टीम के सदस्यों का नंबर भी दिया गया है। ताकि मरीज  शुरुआती दौर में ही अपनी बीमारी का अनुभव कर सके और जरूरत पड़ने पर आसानी के साथ कैलेंडर में अंकित मोबाइल नंबर पर सीधा संपर्क कर उचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले सके। यहीं नहीं, इस पहल से सामूदायिक स्तर पर सकारात्मक संदेश भी जाएगा और लोगों में   जागरूकता भी आएगी।
– मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर उपलब्ध कराई जाएगी समुचित स्वास्थ्य सुविधा :
डीभीबीडीसी बबलू सहनी ने बताया, कैलेंडर में अंकित मोबाइल नंबर पर सूचना देने के तुरंत बाद संबंधित व्यक्ति को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि संबंधित व्यक्ति को ससमय जरूरी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा सके और लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सके। वहीं, उन्होंने बताया, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जाँच से लेकर समुचित इलाज तक की सुविधा पूरी तरह निःशुल्क है। यही नहीं, मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान भी है। साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को भी दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया, 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
– कैलेंडर वितरण के दौरान लोगों को जागरूक भी किया गया :
केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती ने बताया, कैलेंडर वितरण के दौरान लोगों को कालाजार से बचाव के लिए जागरूक भी किया गया। जिसके दौरान कालाजार के कारण, लक्षण और बचाव की जानकारी दी गई। साथ ही कैलेंडर में दर्ज बातों का मौखिक रूप से भी जानकारी दी गई। ताकि सभी लोग कैलेंडर में दर्ज सुविधाओं का आसानी के साथ लाभ ले सकें।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरुनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल की अन्दरुनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।