किसानों के साथ ऐसा मजाक नहीं कर सकती हरियाणा सरकार

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जींद-

देश में जहां कई लोग हर साल भूख से अपनी जान खो बेठते है वहीं एक हरियाणा सरकार है जो बरसात के मौसम में अनाज के सड़ने के लिए खुले आसमान के नीचे छोड देना बेहतर समझती है. शायद यही कारण है कि हरियाणा सरकार  के गोदाम जिला जींद में जो अनाज की बोरियां तिरपाल से ढकी हुई थी बारिश आते ही उनके ऊपर से तिरपाल हटा दिया गया ताकि ये अनाज भीगकर खराब होकर गले- सड़े और फिर इसे नेताओं की शराब फैक्ट्रियों को बेचा जा सके.

 

एक तरफ किसान जितनी मेहनत से अनाज को उगाते है वहीं हरियाणा सरकार के हैफेड विभाग के गोदाम जिला जींद में अनाज को उतनी ही आसानी से बारिश में गलने और सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है.जिस अनाज को सरकार किसानों से लगभग 17 रूपये किलो खरीदती है, उसको गोदामों में कुछ समय रखने के बाद जानबूझकर गला सड़ाकर शराब कंपनी को 1-2 रूपये किलो बेचा दिया जाता है.

 

आप अनुमान लगाईये किस तरह से जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाई जा रही है.  नेताओं और अफसरों की मिलीभगत  से  जनता किस प्रकार लुट रही है.देश में अनेक इलाकों में भुखमरी से लोग मरते हैं, वहीं हरियाणा में किस प्रकार भ्रष्टाचार से  करोड़ों रुपए के कीमती अनाज को नष्ट किया जा रहा है.

 

 

क्या यही है भ्रष्टाचार मुक्त सरकार. न जाने हरियाणा की सरकार कब इस तरह के भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करेगी और कब किसानो को उनके अनाज का उचित मूल्य मिलेगा.