कोरोना की दूसरी लहर के बीच सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का कराया गया सुरक्षित प्रसव

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– 14 अप्रैल को असरगंज से रेफर की गई कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला फूल कुमारी का कराया गया प्रसव
– पिछले वर्ष भी हवेली खड़गपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर की गई कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का कराया गया था सुरक्षित प्रसव

मुंगेर-

जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सदर अस्पताल मुंगेर में असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर की गई कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला फूल कुमारी का सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराया गया । इसके लिए जिलाधिकारी मुंगेर रचना पाटील के निर्देशानुसार कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला के सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल के लेबर रूम के ऊपर अलग से सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ एक लेबर रूम बनाया गया है ।
विशेष कोविड डेडिकेटेड लेबर रूम में संस्थागत प्रसव कराया गया-
सदर अस्पताल मुंगेर के लेबर रूम में कार्यरत डॉ. मंजुला रानी मंडल ने बताया 14 अप्रैल की शाम लगभग सात बजे असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुंगेर से रेफर की गई असरगंज के आद्रास गांव पोस्ट ममय निवासी आशीष रंजन की 20 वर्षीय पत्नी फूल कुमारी को सदर अस्पताल के लेबर रूम के पहले तल्ले पर बने विशेष कोविड डेडिकेटेड लेबर रूम में भर्ती कराया गया है। यहां कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए सभी आवश्यक मेडिकल सुविधाएं मौजूद हैं। यहां रात के लगभग 10: 30 बजे जीएनएम नर्स शिखा कुमारी के नेतृत्व में अन्य मेडिकल स्टाफ ने कोरोना संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराया और महिला ने बिल्कुल स्वस्थ 3 किलो वजन की एक सुंदर बच्ची को जन्म दिया। स्वस्थ्य बच्ची के जन्म लेने के बाद 15 अप्रैल को दिन के लगभग 11 बजे बच्ची के साथ उसकी मां को सदर अस्पताल मुंगेर से उसके घर असरगंज भेज दिया गया।

सदर अस्पताल मुंगेर में कार्यरत लेबर रूम इंचार्ज सिस्टर नीतू ने बताया यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए लेबर रूम के ऊपरी तल्ले पर विशेष कोविड डेडिकेटेड लेबर रूम बनाया गया है । यहां साफ- सफाई के साथ ही सैनिटाइजेशन की विशेष ब्यवस्था है। उन्होंने बताया पिछले वर्ष भी कोरोना काल के दौरान यहां हवेली खड़गपुर से रेफर की गई कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराया गया था। उस गर्भवती महिला की पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई थी जबकि दूसरी डिलीवरी यहां नार्मल हुई थी |