– सुरक्षित संस्थागत प्रसव और सुरक्षित मातृत्व के लिए वंडर एप के जरिये की जाती है निगरानी
– मातृ – शिशु मृत्यु दर को समाप्त करने के उद्देश्य से रविवार को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने किया था वंडर एप को लॉन्च
मुंगेर , 23 फरवरी |
सुरक्षित संस्थागत प्रसव के दौरान मातृ – मृत्यु दर , मैटरनल मोर्टेलिटी रेट ( एमएमआर) को समाप्त करने उद्देश्य से रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ” वंडर ” एप को लॉन्च किया। मालूम हो कि जून 2019 में यह एप सबसे पहले बिहार के दरभंगा जिले में लॉन्च हुआ था। उस समय दरभंगा जिले में कुल 6500 रोगियों में से गम्भीर बीमारियों से पीड़ित साढ़े 4 प्रतिशत रोगियों की पहचान (आइडेंटिफाइड) की गयी थी । इन रोगियों को बेहतर इलाज के लिए 108 ट्रांसपोर्ट सिस्टम के जरिये दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया था। उसके बाद राज्य सरकार ने एमएमआर को समाप्त करने के उद्देश्य से पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया था।
गर्भवती महिला का सारा डिटेल्स जैसे विभिन्न जांच रिपोर्ट “वंडर एप्प ” में सेव कर दिया जाता-
केयर इंडिया की डीटीओएफ डॉ. नीलू ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सुरक्षित संस्थागत प्रसव के दौरान मातृ – शिशु मृत्यु दर या मैटरनल मोर्टेलिटी रेट ( एमएमआर) को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास के तहत गर्भ धारण करने के साथ ही गर्भवती महिला का सारा डिटेल्स जैसे विभिन्न जांच रिपोर्ट “वंडर एप ” में सेव कर दिया जाता है। इसके बाद उसके जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार की कमी मिलने के बाद यह एप एक अलार्म जेनरेट करता है। यह अलार्म स्वास्थ्य कर्मियों को कमी को दूर करने के लिए आवश्यक दवाओं के बारे में भी मदद करता है।
स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. नर्मदा कुपूस्वामी ने किया “वंडर एप ” को विकसित :
उन्होंने बताया कि स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ (गायन्कोलॉजिस्ट ओबेस्टरेसियन) डा. नर्मदा कुपूस्वामी ने “वंडर एप ” को विकसित किया है। वो लगातार चार दशक तक प्रैक्टिस करने के बाद अभी अमेरिका के शिकागो शहर में रह रही हैं। बताया कि नर्मदा कुपूस्वामी ने एक मोबाइल प्लेटफॉर्म विकसित किया जिसे उन्होंने वुमनस ऑब्स्ट्रीकल न्यूनेटल डेथ एवोल्यूशन एंड रिडक्शन ( डब्लू.ओ. एन. डी. ई. आर. वंडर) नाम दिया जो मैटर्नल मोर्टिलिटी रेट ( एमएमआर) को समाप्त करने में मदद करता है।
” वंडर ” एप के माध्यम से कैसे कम होता है मैटर्नल मोर्टिलिटी रेट ( एमएमआर) ?
डॉ. नीलू ने बताया कि वंडर एप एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो निम्न और मध्यम स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अंटेनेटल केयर के प्रति आत्म विश्वास पैदा करता है। ये सभी स्वास्थ्य कर्मी गर्भवती महिला के पंजीयन करने के साथ ही पूरे गर्भावस्था के दौरान एक निश्चित अंतराल पर निगरानी करती हैं । इसके साथ ही गर्भवती महिला का हिस्ट्री, लैब रिपोर्ट के साथ ही वाइटल साइन जैसे ब्लड प्रेशर, पल्स रेट ,ऑक्सीजन लेवल, टेम्परेचर को एप के माध्यम से निगरानी की जाती है। इसके बाद किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति पैदा होने पर यह एप प्रतिकूलता की पहचान करने के लिए एक मैकेनिज़्म और अल्गोरिथम का निर्माण करता है। यह एप स्वास्थ्य कर्मियों को मरीज के हाई रिस्क होने पर उच्य स्तर के डॉक्टर से सम्पर्क करने के लिए अलर्ट जारी करता है।