नाथनगर रेफरल अस्पताल में विश्व यक्ष्मा दिवस का शुभारंभ
कार्यक्रम के दौरान टीबी सर्वाइवर ने भी अपना अनुभव किया साझा
भागलपुर-
नाथनगर रेफरल अस्पताल में शुक्रवार को विश्व यक्ष्मा दिवस का शुभारंभ हुआ. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी, केयर इंडिया व वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के प्रतिनिधि और आशा कार्यकर्ता शामिल थी. कार्यक्रम में क्षेत्र के टीबी सर्वाइवर को भी बुलाया गया था. इस दौरान टीबी से बचाव के उपाय बताए गए और इसके लक्षण के बारे में जानकारी दी गई. नाथनगर रेफरल अस्पताल की प्रभारी डॉ अंजना कुमारी ने बताया कि अगर 2 हफ्ते से अधिक खांसी हो और बलगम में खून आए तो टीबी जांच करा लेनी चाहिए. साथ ही अगर वजन कम होने लगे और शाम के वक्त पसीना आने के साथ बुखार हो तो यह टीबा के लक्षण हैं. कुछ मामले बिना लक्षण वाले भी होते हैं. इसलिए अगर किसी तरह का संदेह हो और लक्षण दिखे तो तत्काल जांच करा लें.
टीबी का इलाज संभव है:
मीटिंग के दौरान एसटीएस कृति भारती ने बताया कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है. इसका इलाज संभव है. वह भी बिल्कुल मुफ्त. अगर किसी को टीबी का लक्षण लगे तो निसंकोच होकर सरकारी अस्पताल पहुंचे. अगर जांच में पुष्टि हो जाती है तो आपको निःशुल्क दवा मिलेगी. 6 महीने तक दवा का सेवन करने के बाद दोबारा जांच करा लें. जांच में अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो समझिए आप पूरी तरह से टीबा मुक्त हो गए.
बीच में नहीं छोड़ें दवा:
कार्यक्रम के दौरान केयर इंडिया की ब्लॉक मैनेजर मनीषा ने बताया कि टीबी के मरीज बीच में दवा नहीं छोड़ें. जब तक आप टीबी से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाते हैं तब तक ऐसी भूल नहीं करें. बीच में दवा छोड़ने से आप एमडीआर टीबी की चपेट में आ सकते हैं. जिसका इलाज थोड़ा जटिल हो जाता है और ठीक होने में भी समय लगता है.
आशा कार्यकर्ताओं को मिला लक्ष्य:
मीटिंग में मौजूद आशा कार्यकर्ताओं को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर 24 मार्च को क्षेत्र के 2 हफ्ते से अधिक समय तक हंसने वाले के बलगम की जांच के लिए लाने को कहा गया. आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में ऐसे लोगों को ढूंढेंगी. ऐसे लोगों को 24 तारीख को रेफरल अस्पताल लाएंगी और जांच भी कराएंगी. इस दौरान टीबी सर्वाइवर ने भी अपना अनुभव साझा किया. कार्यक्रम में संजीव, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अपर्णा और विशाल भी मौजूद थे.