– लगातार खाँसी रहने पर तुरंत कराएं जाँच, अस्पताल में मुफ्त होती है जाँच
– हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर सैम्पलिंग शुरू, मरीजों को सरकार द्वारा दी जाती है सहायता राशि
लखीसराय, 26 मई-
कोरोना की तरह ही टीबी भी एक संक्रामक बीमारी है । दोनों बीमारियों के लक्षण भी करीब-करीब एक जैसे ही मिलते-जुलते होते हैं। जिसके कारण बीमारी का सही पता लगाने में भी परेशानी होती है। ऐसे में पूर्व से टीबी जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए यह दौर विशेष सतर्कता बरतने का है। क्योंकि इन मरीजों का इम्युन सिस्टम बहुत कमजोर होता है। जिसके कारण उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा अन्य मरीजों से कई गुना अधिक है। सबसे जरूरी है कि मरीज की दवा का क्रम न टूटे। कोरोना में लगातार तेज बुखार और खांसी आती है। टीबी का लक्षण थकावट, आम बुखार, वजन गिरना, भूख न लगना, रात में पसीना आना आदि है।
– हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर टीबी की सैम्पलिंग शुरू :
टीबी के नोडल पदाधिकारी डाॅ पीसी वर्मा ने बताया, अब जिले के सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर भी टीबी सैम्पलिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है। ताकि संबंधित मरीज सुविधाजनक तरीके से जाँच करा सकें और जाँच कराने में कोई असुविधा नहीं हो। वहीं, उन्होंने बताया, उक्त सेंटर पर सैंपल लेकर जाँच के लिए स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान भेजा जाता है। वहाँ से रिपोर्ट आने के बाद मरीजों को उपलब्ध करा दिया जाता है। वहीं, उन्होंने बताया, लक्ष्मण का महसूस होते ही ऐसे मरीजों को बिना देर किए अपनी जाँच करवानी चाहिए। जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में मुफ्त जाँच एवं दवाई की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही ऐसे मरीजों को उचित पोषण आहार के लिए सहायता राशि भी दी जाती है।
बचाव के उपाय:—-
1- 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स लें। डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करें।
-मास्क पहनें या हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को पेपर नैपकिन से कवर करें।
-मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें। यहां-वहां नहीं थूकें।
-मरीज हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहें। साथ ही एसी से परहेज करें।
-पौष्टिक खाना खाएं, एक्सरसाइज व योग करें।
-बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।
-भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।
ये हैं टीबी के लक्षण:—-
-भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना।
-बेचैनी एवं सुस्ती छाई रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट रहना व रात में पसीना आना।
-हलका बुखार रहना, हरारत रहना।
-खांसी आती रहना, खांसी में बलगम आना तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।
-गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाना तथा वहीं फोड़ा होना।
-गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।
– आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।
-पेट की टीबी में पेट दर्द, अतिसार या दस्त, पेट फूलना आदि होते हैं।
-टीबी न्यूमोनिया के लक्षण में तेज बुखार, खांसी व छाती में दर्द होता है।