– समय पर बीमारी की पहचान और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत बच्ची ने हृदय रोग को दी मात
– आरबीएसके टीम द्वारा बच्ची को चिह्नित कर कराया गया समुचित इलाज
बेगूसराय, 02 जुलाई-
हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए जद्दोजहद का सामना नहीं करना पड़े और सुविधाजनक तरीके से समुचित और सफल इलाज हो सके, इस उद्देश्य से बिहार सरकार मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना की शुरुआत की गई है । यह योजना ऐसे पीड़ित बच्चों के लिए काफी सहयोगात्मक साबित हो रही है। दरअसल, उक्त योजना के तहत ना केवल निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है बल्कि, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का सफल और समुचित इलाज भी हो रहा है। जिसका सकारात्मक परिणाम यह है कि लगातार ऐसे बच्चे हृदय रोग को मात भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में जिले के बरौनी इलाके के सबौरा निवासी दीपक पाठक एवं सरिता देवी की 04 वर्षीया पुत्री सौम्या कुमारी भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत हृदय रोग को मात देने में सफल रही। वह जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थी। यह सबकुछ सरकार की मजबूत और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा बदौलत ही संभव हुआ। वहीं, सरकार द्वारा लाई गई उक्त योजना को सार्थक रूप देने के लिए जिले की आरबीएसके टीम जिले के हृदय रोग से पीड़ित अन्य बच्चों को भी चिह्नित पूरी तरह निःशुल्क समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में अग्रसर है।
– पहले निजी क्लीनिक में करायी जाँच, फिर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का लिया सहारा :
सौम्या की माँ सरिता देवी ने बताया, जब मेरी बच्ची ठीक से चल नहीं पा रही थी और ना ही ढंग से खा पा रही थी तो मैं अपनी बच्ची को जाँच के लिए पहले एक निजी क्लीनिक ले गई। , वहाँ डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के दिल में छेद है । यह सुनते ही मेरे होश उड़ गये। फिर कई अन्य निजी क्लीनिकों में भी हमलोग बच्ची की जाँच करवायी , सभी जगह एक ही बात बताई गई और समुचित इलाज में लाखों का खर्च बताया गया। इतना व्यापक खर्च करने में हमलोग समर्थ नहीं थे । जिसके कारण इलाज की उम्मीद ही छोड़ दिए थे । इसी दौरान आस-पड़ोस के लोगों से जानकारी मिली कि ऐसे रोग से पीड़ित बच्चे का आरबीएसके टीम द्वारा मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत पूरी तरह निःशुल्क इलाज किया जाता है। ये जानकारी मिलते ही हमलोगों को उम्मीद की एक नई किरण मिली और मैं अपनी बच्ची को जाँच के लिए स्थानीय पीएचसी ले गई। जहाँ से जिला अस्पताल भेजा गया। वहाँ जाँच के बाद स्क्रीनिंग के लिए एम्बुलेंस से पटना भेजा गया। स्क्रीनिंग के बाद पटना से हवाई जहाज से समुचित इलाज के लिए अहमदाबाद श्री सत्य -साईं अस्पताल भेजा गया। वहाँ मेरी बच्ची का समुचित इलाज हुआ।
– इलाज के दौरान मिली बेहतर और समुचित सुविधाएं :
बच्ची के पिता दीपक पाठक ने बताया, मेरे पास अपनी बच्ची का इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं था। किन्तु, पर इस बीच आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना की जानकारी मिली । इस योजना से मेरी बच्ची का इलाज शुरू हुआ और आज मेरी बच्ची हृदय रोग को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ है। इस दौरान मेरी बच्ची को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिली एवं आरबीएसके टीम का भी काफी सहयोग मिला।
– हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए भेजा जाता है पटना :
सिविल सर्जन डाॅ प्रमोद कुमार सिंह ने बताया, स्थानीय आरबीएसके टीम द्वारा हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की पहले पहचान की जाती है। इसके बाद स्क्रीनिंग यानी प्रारंभिक जाँच के लिए पटना भेजा जाता है, जहाँ इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान में बच्चों की समुचित जाँच की जाती है। जाँच में बीमारी की पुष्टि होने पर संबंधित बच्चे को समुचित व निःशुल्क इलाज के लिए अहमदाबाद के श्री सत्य साईं अस्पताल भेजा जाता है।
– हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज जरूरी :
आरबीएसके टीम के जिला समन्वयक डाॅ रतीश रमण ने बताया, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, उन्होंने बताया, जिन बच्चों के होठ कटे हैं, उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है, उसका 06 से 18 माह एवं जिसके पैर टेढ़े-मेढ़े हैं , उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है। वहीं, उन्होंने बताया, ऐसे पीड़ित बच्चों का इलाज के साथ-साथ आने-जाने का खर्च भी सरकार ही वहन करती है।