बारिश के मौसम में नवजात की देखभाल को मां रहें सजग

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-मच्छर और दूषित पानी से बच्चे को बचाकर रखें
-खिड़की-दरवाजे रखें बंद, मशहरी का इस्तेमाल करें
बांका, 15 जुलाई:
बच्चों की देखभाल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। बारिश के मौसम में तो चुनौतियां और भी बढ़ जाती हैं। ऐसे मौसम में खासकर मां की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इस मौसम में एक साथ कई तरह के संक्रमण का खतरा बच्चों में रहता है। इस वजह से शिशुओं का इस मौसम में खास ख्‍यान रखना पड़ता है।
 बांका शहरी पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि बच्‍चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इस वजह से वह बीमारियों का मजबूती से मुकाबला नहीं कर पाते हैं। इस मौसम में मच्छर और दूषित पानी से बच्चों को विशेष तौर पर बचाने की जरूरत है। मच्‍छर के काटने पर शिशु को बहुत तेज दर्द होता है और उसकी त्‍वचा पर लाल निशान या सूजन भी हो सकती है। इसलिए बच्चों को हमेशा मशहरी के अंदर रखें।
 खिड़की-दरवाजे बंद रखें, ताकि मच्‍छर अंदर न आ सकें।
अरामदायक कपड़े पहनाएं:
बारिश के मौसम में बच्चे को आरामदायक कपड़े पहनाएं। इससे उमस भरे मौसम में बच्चे को राहत मिलेगी। बारिश के मौसम में शिशुओं की साफ सफाई का ख्याल रखा जाना बहुत जरूरी है। नमी के कारण शिशु की नाजुक त्वचा के संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है। बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए। साथ ही साफ तौलिये से अच्छी तरह पोछना चाहिए। बच्चे के पास जाते वक्त कपड़े और हाथ को साफ रखें। इससे संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है।
शरीर में पानी की नहीं होने दें कमी:
डॉ. चौधरी कहते हैं बारिश के मौसम में डायरिया का खतरा सबसे अधिक रहता है। शरीर में पानी की कमी से यह बीमारी होती है। डायरिया से छुटकारा मिलने के बाद भी एक सप्ताह तक डॉक्टर की निगरानी में रहना पड़ता है। इसलिए बच्चों को इससे बचाने के लिए सजग रहना चाहिए। इस बात का ध्यान देते रहना चाहिए कि बच्चों में पानी की कमी नहीं हो। यदि संभव हो तो ओआरएस का घोल नियमित तौर पर बच्चे को देना चाहिए।
घर के आसपास गंदगी नहीं होने दें:
बारिश के मौसम में घर को साफ रखना बहुत जरूरी होता है। घर साफ रहने से मच्छर का प्रकोप कम होता है। मच्छर का प्रकोप कम होने से बहुत राहत मिलती है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है घर में पानी नहीं जमने दें। घर का कोई भी हिस्सा भींगा नहीं रहने दें। इससे घर भी साफ रहेगा और मच्छर का प्रकोप भी कम होगा।
स्वच्छ पानी ही पीएं:
साफ पानी नहीं पीने से इस मौसम में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। साफ पानी नहीं पीने से डायरिया और पेट से संबंधित दूसरी बीमारी होने का खतरा रहता है। इसलिए साफ पानी पीना बेहद जरूरी है। अगर संभव हो तो खुद भी उबालकर पानी पीएं और बच्चों को भी पिलाएं।