• आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 1 और 170 में बच्चों की कर रही देखभाल• कोरोना और पोषण को लेकर घर-घर जाकर लोगों को कर रही जागरूक
बांका-
कोरोना संक्रमण काल में मुश्किलों को बौना साबित करने की कोशिश में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ आईसीडीएस कर्मी भी लगे हैं. संसाधनों की कमी कुछ समय के लिए समस्या खड़ी तो करता है, लेकिन यदि अपने कार्य को लेकर सेवा भाव हो तो यही मुश्किलें अवसर में बदल जाती हैं. सेविका मुन्नी कुमारी भी दोहरी चुनौतियों को मात दे कर यही साबित करने में जुटी हैं. मुन्नी कुमारी दुधारी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 1 के बच्चों की देखभाल तो कर ही रही हैं. साथ ही वह रामपुर चौक स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 170 के बच्चों की भी देखभाल कर रही हैं. दुधारी आंगनबाड़ी केंद्र संख्या में 122 बच्चे हैं. जबकि रामपुर चौक स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या में 103. यानी मुन्नी कुमारी एक साथ 225 बच्चे की देखभाल कर रही है एवं दोनों क्षेत्रों में पोषण सेवाएं सुनिश्चित कर रही है.
आईसीडीएस के जिला समन्वयक शम्स तबरेज ने बताया मुन्नी कुमारी बहुत मजबूती से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही हैं. कोरोना काल में उन्होंने बहुत ही साहस के साथ अपनी जिम्मेदारी को निभाया है. यही वजह है कि रामपुर चौक में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या का उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. दोनों जगह की जिम्मेदारी को वह अच्छे से निभा रही हैं. साथ ही पोषण माह की गतिविधियों के आयोजन पर भी पूरा भी पूरा ध्यान दे रही हैं.
कोरोना को लेकर कर रही जागरूक:सेविका मुन्नी कुमारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर घर-घर जाकर लोगों को मास्क और ग्लब्स पहनने की सलाह दे रही हैं. साथ ही लोगों से शारीरिक दूरी का पालन करने को कह रही है. लोगों को भीड़भाड़ में नहीं जाने को लेकर एहतियात बरतने को कह रही हैं. सेविका मुन्नी कुमारी गांव के लोगों को हाथ धोने के तरीके भी बता रही हैं. कोरोना काल में सुरक्षित रहने के हर तरीके ग्रामीणों को वह बता रही हैं.
कुपोषण को दूर करने की बता रही उपाय: सेविका मुन्नी कुमारी कहती हैं जब से कोरोना काल शुरू हुआ है, तब से वह लोगों के घर-घर जाकर ही सारा काम कर रही है. अब जब से पोषण माह शुरू हुआ है तो उनके ऊपर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है. उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण काल में सुपोषण की अहमियत अधिक बढ़ी है. इसलिए वह अब लोगों को बेहतर पोषण की जरूरत के बारे में जागरूक कर रही है. गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए पोषण की जरूरत अधिक होती है. सही मात्रा में सभी पोषक तत्वों को आहार में शामिल करने से उनका शरीर कैसे स्वस्थ रह सकता है, इस विषय में भी वह महिलाओं को जानकारी दे रही हैं. उन्होंने बताया स्तनपान एवं अनुपूरक आहार के बारे में पहले की तुलना में लोग अधिक जागरूक भी हुए हैं. ऐसे मुद्दों पर नियमित तौर पर जानकारी देते रहने से समुदाय में इसकी महता पर गंभीरता बनी रहती है.
बच्चों को पढ़ाई को लेकर कर रही प्रशिक्षित: आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 170 में 3 से 6 साल के 52 बच्चे हैं, वहीं आंगनबाड़ी केंद्र संख्या एक में 3 से 6 साल के 62 बच्चे हैं. सभी को पढ़ाने का भी मुन्नी कुमारी कर रही हैं. बच्चे अगर पढ़ने में मन नहीं लगाते हैं तो उन्हें कौवा- मैना की कहानी सुना कर वह पढ़ाने का काम करती हैं. कहानी सुनकर बच्चे भी पढ़ने के लिए तैयार हो जाती हैं और मुन्नी कुमारी भी बहुत आसानी से अपना काम कर पाती हैं.