– कोरोना काल में परम्परागत स्पुटम माइक्रोस्कोपी से हो रही है टीबी रोगियों की डायग्नोसिस एवम फॉलोअप जांच
– प्रखण्ड स्तर पर टीबी जांच के लिए किया जाएगा ट्रूनेट मशीन का उपयोग
मुंगेर, 4 मार्च-
सन 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रखण्ड स्तर पर ट्रूनेट मशीन से टीबी मरीजों की जांच की जाएगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने एक पत्र जारी किया है।
मुंगेर के जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक शैलेन्दु कुमार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना काल में टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को गहरा आघात लगा है। इस दौरान संभावित टीबी मरीजों की डायग्नोसिस एवं फॉलोअप जांच परम्परागत स्पुटम माइक्रोस्कोपी द्वारा की जाती रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी पत्र के अनुसार अब नयी परिस्थिति में जब राज्य के 21 जिलों में कोरोना के मरीज नहीं है और संक्रमण दर भी काफी कम हो गया है। इसके साथ ही 11 करोड़ से अधिक लोगों ने कोरोना की वैक्सीन भी लगा ली है। यह निर्णय लिया गया है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज आए जिलान्तर्गत डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर में अविलम्ब लैबोरेटरी टेक्नीशियन की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए प्रखण्ड स्तर पर टीबी जांच कराई जाय। इसके लिए जिला को आवंटित सीबीनेट और ट्रू नेट मशीन को इस प्रकार से इस्तेमाल किया जाए कि प्रखण्ड स्तर पर टीबी रोगियों की डायग्नोसिस सीबीनेट और ट्रू नेट मशीन से और फॉलोअप जांच स्पुटम माइक्रोस्कोपी के द्वारा की जाए।
उन्होंने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के समय टीबी के लक्षणों की स्क्रीनिंग कर टीबी की लक्षण वाली महिलाओं को नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बलगम की जांच सुनिश्चित करने के लिए एएनएम और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर क़े सीएचओ को प्रशिक्षण और एसटीएस के माध्यम से आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोई भी ट्रूनेट मशीन जो किसी स्वास्थ्य संस्थान में उपयोग में नहीं लाया जा रहा हो वहां से सिविल सर्जन और जिला संचारी रोग पदाधिकारी के आदेशानुसार दूसरे स्वास्थ्य संस्थान में स्थापित किया जाएगा। इस कार्य को दो सप्ताह के अंदर पूरा कर “निक्षय ” पोर्टल पर मैपिंग कर ली जाएगी ताकि उस मशीन से प्रतिदिन की जाने वाली जांचों का अनुश्रवण और समीक्षा समय से की जा सके।