New delhi: गोवा की राजधानी पणजी के पोरवोरिम में 6 अप्रैल, 1986 तक हाईवे पर स्थित ओ’कोक्वेरो रेस्तरां को अपने खास चिकन आइटम के लिए जाना जाता था। इसके अलावा यहां की एक और खासियत थी कि यहां पर उस समय एक फोन की भी सुविधा थी, जिससे लोग लंबी दूरी पर बैठे किसी व्यक्ति या अंतर्राष्ट्रीय कॉल करने के लिए इसका उपयोग कर सकते थे। उन दिनों में लैंडलाइन फोन भी एक दुर्लभ चीज ही मानी जाती थी और इसकी सुविधा कुछ घरों और अन्य महत्वपूर्ण जगहों तक ही सीमित थी।
गोवा में हुआ था शोभराज अरेस्ट
जब पुलिस निरीक्षक मधुकर जेंडे के नेतृत्व में मुंबई पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने एक दुबले-पतले दाढ़ी वाले आदमी को पकड़ा तो छह अप्रैल 1986 को कुछ ऐसा हुआ कि अचानक सब कुछ बदल गया, काली टोपी पहने हुए एक व्यक्ति को मुंबई पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। वह अपनी लग्जरी पद्मिनी कार से उतरकर रेस्टोरेंट गया था और अपनी पसंदीदा मेज के सामने एक सीट पर बैठा था। उसके बैठने के कुछ मिनट बाद ही जेंडे ने इस व्यक्ति को पकड़ लिया, जो हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज उर्फ चार्ल्स शोभराज, उर्फ बिकिनी किलर, उर्फ सर्पेट के रूप में जाना जाता है। इसी शख्स के जीवन पर आधारित नेटफ्लिक्स की प्रतीक्षित वेब सीरीज ‘द सर्पेट’ का निर्माण किया गया है।
अख़बार और टीवी की सुर्खियां बनी शोभराज की गिरफ्तारी
गोवा में अपनी गिरफ्तारी से पहले, शोभराज एक महीने पहले ही नई दिल्ली की तिहाड़ जेल से भाग गया था। कड़ी सुरक्षा वाली इस जेल परिसर में शोभराज ने सुरक्षाकर्मी को नशीला पदार्थ खिलाया और वहां से नौ दो ग्यारह हो गया। जेंडे की ओर से शोभराज की गिरफ्तारी जब अगले दिन अखबार की सुर्खियां बनी और टीवी की स्क्रीन पर खबर दिखाई गई तो गोवा का यह रेस्टोरेंट सुर्खियों में आ गया और चारो तरफ सनसनी फैल गई।
‘बिकनी किलर’ नाम से था मशहूर
सनसनीखेज गिरफ्तारी की विदेशों के विख्यात अखबारों में भी सुर्खियां बनी थी। एशिया के सबसे वांछित अपराधियों में से एक बिकिनी किलर की गिरफ्तारी बहुत बड़ी खबर थी. बिकनी किलर के नाम से मशहूर इस सख्स को बिकनी किलर इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि उसके द्वारा की गई हत्याओं में कई लड़कियों की लाश बिकिनी में मिली थी. इसे ब्रिटेन के शीर्ष दैनिक समाचार पत्रों में से एक द टाइम्स के साथ अन्य ने भी प्रमुखता से साथ छापा था। गोवा में रहने के दौरान शोभराज ने अपना लुक पूरी तरह से बदल लिया था, मगर उसकी पहचान छिपाने की योजना लंबे समय तक नहीं टिक पाई और जेंडे ने उसे पहचानने में कोई गलती नहीं की। क्राइम ब्रांच ने शोभराज को मुंबई में इससे पहले भी एक मामले में गिरफ्तार किया था।
एक दशक के बाद शोभराज रिहा हुआ था
लगभग एक दशक तक जेल में रहने के बाद, 1997 में शोभराज को रिहा कर दिया गया, जिसके बाद शोभराज फ्रांस चला गया। उसे 2003 में नेपाल में एक बार फिर से गिरफ्तार किया गया। उसे इस बार उत्तरी अमेरिकी पर्यटकों लॉरेंट कैरिरे और कोनी ब्रोंकिच की दोहरी हत्याओं के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शोभराज फिलहाल नेपाल की जेल में बंद है, जहां उस पर अन्य हत्याओं के आरोप भी लगे हैं। गोवा के इस रेस्टोरेंट ने अब नए प्रबंधन के तहत शोभराज की पसंदीदा कुर्सी पर एक टोपी के साथ बैठे मास्टरमाइंड अपराधी की एक प्रतिमा बनाई है (शोभराज को जब गिरफ्तार किया गया था, तब वह टोपी पहने हुए था)।