माता-पिता को घर-घर जाकर स्तनपान के गिना रहीं फायदे
1 से 7 अगस्त तक जिले में मनाया जा रहा स्तनपान सप्ताह
भागलपुर, 4 अगस्त
एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष की थीम स्वस्थ दुनिया के लिए स्तनपान का समर्थन है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस बार एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से अधिक से अधिक माताओं को स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। माता-पिता को यह जानकारी दी जा रही है कि बच्चे के लिए मां का दूध कितना जरूरी है।
सिविल सर्जन विजय कुमार सिंह ने कहा कि यह अभियान सात अगस्त तक चलेगा। कोरोना को देखते हुए इस बार नवजात के माता-पिता को जागरूक किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, और एएनएम घर-घर जाकर माता-पिता को स्तनपान की महत्वता के बारे बता रही हैं। यह अभियान आईसीडीएस के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनायी गयी टीम के माध्यम से चलाया जा रहा है।
मां का दूध होता है संपूर्ण आहार
सिविल सर्जन ने बताया मां का दूध शिशु के लिए संपूर्ण आहार होता है। शिशु के जन्म लेने के 1 घंटे के अंदर ही शिशु को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। मां को शिशु को छह माह तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। इस अवधि में शिशु को मां के दूध के अलावा और कुछ नहीं दिया जाना चाहिए।
मां का शिशु से भावनात्मक रिश्ता होता है मजबूत
सिविल सर्जन ने बताया शिशु को स्तनपान कराए जाने से मां को भी कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। स्तनपान कराते वक्त मां का शरीर करीब 500 कैलोरी तक खर्च करता है, जिस वजह से प्राकृतिक तरीके से वजन कम होता है। इसके अलावा स्तनपान से ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर के खतरे भी कम होते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि स्तनपान से मां और शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ता भी मजबूत होता है।
बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता का होता है विकास
मां के दूध से बच्चों को कई तरह के फायदे होते हैं। सबसे पहले तो यह तेजी और आसानी से पचता है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जो कि भविष्य में उसे कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित करता है। यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह किफ़ायती और संक्रमण मुक्त होता है।
इसलिए मनाया जाता है स्तनपान दिवस
सिविल सर्जन ने बताया बदलती जीवनशैली और कामकाज में महिलाएं इतनी व्यस्त रहती हैं कि उन्हें अपने बच्चे को स्तनपान करवाने का समय ही नहीं मिलता। स्तनपान संबंधी जानकारी और इसके फायदे समझाने के लिए ये सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह केवल घरों में ही नहीं, बल्कि कार्यालयों में भी इस प्रकार की जागरूकता फैलाई जाती है जिससे कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।