आशा ललिता रूबी रानी बिहार में अव्वल, शनिवार को हुयी पुरस्कार की घोषणा

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• हुसैनाबाद क्षेत्र के लोगों को 4 साल से अधिक समय से दे रही अपनी सेवा
• टीकाकरण से लेकर गर्भवती महिलाओं की जांच मैं निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका
भागलपुर, 15 दिसंबर
हुसैनाबाद स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की आशा कार्यकर्ता ललिता रूबी रानी आशा कार्यकर्ताओं द्वरा बेहतर सेवा प्रदान करने की सूची में बिहार में प्रथम स्थान पर हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को पुरस्कार की घोषणा की. लगभग 67 हजार की आबादी के इलाज का दायित्व इस सीएचसी पर है. लेकिन इसके बावजूद यहां मरीजों को हर तरह की सुविधा मिल रही है. यही कारण है कि पिछले साल यह केंद्र बिहार में पहले स्थान पर रहा. इस बार यहां की आशा ने इस मुकाम को हासिल किया है.
हुसैनाबाद सीएचसी प्रभारी डॉ अजय कुमार झा ने ललिता रूबी रानी को प्रथम स्थान मिलने पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा वह इस पुरस्कार की सही हक़दार है. वह हर काम को बेहतर तरीके से करती है. जनवरी 2016 में इस केंद्र का संचालन शुरू हुआ था तब से वह यहाँ कार्यरत हैं. उन्होंने हर दायित्व को बेहतर तरीके से किया है. चाहे बच्चे का टीकाकरण हो या गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने का काम, ललिता ने इसे बेहतर तरीके से किया है. पोषक क्षेत्र में जन्म लिए शिशु के सर्वे का काम, बच्चे को टीका देने की तिथि, यह सब ललिता के पास रहती है. वह सही समय पर नवजात को लेकर केंद्र पहुंचती है. यही कारण है कि ललिता से किसी को कोई शिकायत नहीं रहती है. क्षेत्र के लोग सबसे पहले ललिता को ढूंढते हैं.
कोरोना काल में भी किया बेहतर काम:
डॉ अजय कहते हैं आशा ललिता ने कोरोना काल में भी बेहतर काम किया. बढ़-चढ़कर उसने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया. क्षेत्र के लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया. उन्हें हाथ धोने के तरीके बताए. साथ ही लोगों से भीड़ से बचने और मास्क पहनने की अपील की और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सब के बावजूद वह अपनी मुख्य जिम्मेदारी को भी सही तरीके से निभाती रही.
पटना मुख्यालय से मांगा गया था नाम:
पटना मुख्यालय ने बेहतर काम करने वाली आशा का नाम मांगा था. केंद्र प्रभारी डॉ अजय ने ललिता का नाम भेजा. साथ ही इनके काम के बारे में भी बताया गया, जिसे मुख्यालय ने सीधे दिल्ली भेज दिया. वहां सभी आशा के काम को देखा गया, जिसके बाद ललिता का नाम सबसे आगे रहा. पुरस्कार की घोषणा शनिवार को की गई, जिसमें ललिता का नाम टॉप पर रहा.
20 घरों का दौरा रोज:
पुरस्कार की घोषणा के बाद आशा ललिता ने बताया वह अपने कार्य को काफ़ी गंभीरता से लेती है. घर का काम करने के बाद वह अपने पोषण क्षेत्र में निकल जाती है. वह रोज 20 घर जाकर वहां के हालात को जानने की कोशिश करती है. उन्होंने बाताया उन्हें सभी के घर के बारे में पता रहता है. यही कारण है कि वह अपना काम बेहतर तरीके से कर पाती हैं