भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 4,213 मामले सामने आने के साथ ही सरकार ने सोमवार को कहा कि कुछ खास जगहों पर अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में मामले देखे गए हैं और नियंत्रण प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि देश सामुदायिक प्रसार के चरण में न पहुंचे।
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। हर रोज पॉजिटिव मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। इस बारे में एक स्वास्थ्य मंत्रालय सचिव लव अग्रवाल से एक सवाल किया गया कि क्या भारत में कोरोना वायरस का कम्युनिकेशन ट्रांसमिशन हो गया है। उनका जो जवाब आया वो उसने सबको चौंका दिया। लव अग्रवाल ने कहा कि कुछ स्थानों पर ही कोरोना का संक्रमण ज्यादा देखने को मिल रहा है। हमें इस पर नियंत्रण करना होगा कि वायरस का कम्युनिकेशन ट्रांसमिशन न होने पाए। दरअसल, भारत में अभी कोरोना अपने दूसरे चरण में हैं। अगर ये तीसरे चरण में पहुंच गया तो इसको रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि तीसरे चरण में पहुंचने की स्थिति तब आती है जब इसका सामुदायिक प्रसार हो जाए।
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 4,213 मामले सामने आने के साथ ही सरकार ने सोमवार को कहा कि कुछ खास जगहों पर अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में मामले देखे गए हैं और नियंत्रण प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि देश सामुदायिक प्रसार के चरण में न पहुंचे। यह पूछे जाने पर कि क्या बीमारी का सामुदायिक प्रसार हुआ है, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘यहां (देश में)’ कुछ क्षेत्रों के बारे में पता चला है और कुछ मामलों में कुछ खास जगहों पर बड़ी संख्या में मामले भी सामने आए हैं।’
कम्युनिकेशन ट्रांसमिशन
उन्होंने कहा, ‘और इस परिप्रेक्ष्य में, यदि आपको याद हो तो एम्स निदेशक (डॉ. रणदीप गुलेरिया) ने कहा था कि यदि इन्हें उचित रूप से नियंत्रित नहीं किया गया तो प्रसार की दर अधिक हो जाएगी। इसलिए, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अब हम नियंत्रण प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें और सुनिश्चित करें कि हम सामुदायिक प्रसार के चरण में न पहुंचें।’ अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में सोमवार सुबह आठ बजे तक कोविड-19 के 4,213 मामले सामने आए हैं और 97 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 67,152 और मृतकों की संख्या 2,206 हो गई है।
कैसे होगी आवाजाही
यह पूछे जाने पर कि मंगलवार से शुरू हो रहीं वातानुकूलित ट्रेनों में क्या केंद्रीकृत वातानुकूलन का इस्तेमाल किया जा सकता है और क्या इससे विषाणु के प्रसार का खतरा नहीं होगा, अग्रवाल ने कहा, ‘केंद्रीकृत वातानुकूलन का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल करते समय हवा के प्रवाह पर नजर रखनी होगी।’ उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा कि यदि हवा में मौजूद कणों से संबंधित कोई समस्या उत्पन्न होती है तो सावधानी के तौर पर हम केंद्रीकृत वातानुकूलन के इस्तेमाल के बिना यात्रा कर सकते हैं।’ कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में बीमारी के अत्यंत कम स्तर वाले रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने से संबंधित संशोधित नीति के बारे में अग्रवाल ने कहा कि संशोधित नीति कहती है कि ऐसे रोगियों को छुट्टी मिलने के बाद सात दिन तक घर में पृथक-वास में रहना होगा।