इस तरह की अफवाहों से रहे सावधान और बरतें सतर्कता
साफ सफाई और शारीरिक दूरी का पूरी तरह से रखें ध्यान
बांका, 25 सितंबर
कोरोना को लेकर तमाम तरह की अफवाहें सोशल साइट्स पर उड़ती रहती हैं. कभी मास्क पहनने से दिमाग से संबंधित बीमारी होने की बात कही जाती है तो कभी मांस मछली खाने से भी कोरोना होने का खतरा होने की बात कही जाती है. अब एक नई तरह की बात सोशल साइट्स पर देखने को मिल रही है. कुछ लोग पोस्ट कर रहे हैं कि जिसे कभी डेंगू या मलेरिया हुआ है उसे कोरोना नहीं होगा.
दरअसल ऐसा कहने वालों का तर्क यह है जिसे कभी डेंगू और मलेरिया हुआ है, उनमें एंटीबॉडी विकसित हो गई है जो कोरोना से मुकाबला करने में सक्षम है. इसलिए उसे कोरोना नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं है. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि जिसे कभी डेंगू या मलेरिया हुआ है उसे कोरोना नहीं होगा. दरअसल तीनों ही बीमारी का नेचर थोड़ा बहुत मिलता जुलता है. इस वजह से लोग मान बैठते हैं कि इन बीमारियों से उबरने के बाद शरीर में जो एंटीबॉडी विकसित हुई है, वह कोरोना से भी लड़ने में सक्षम है. ऐसा नहीं है. हां, यह बात सही है कि इन बीमारियों से उबरने वाले लोगों को तत्काल कोरोना नहीं होगा. लेकिन इसका लंबे समय तक प्रभाव नहीं होगा. शरीर में जो एंटीबॉडी विकसित हुई है, वह कुछ दिनों के बाद कमजोर पड़ने लगती है और वैसे व्यक्तियों पर भी कोरोना का उतना ही खतरा रहता है, जितना कि सामान्य लोगों को. इसलिए डेंगू और मलेरिया को मात देने वाले व्यक्ति भी लापरवाही नहीं बरतें और पूरी तरह से सतर्क रहें.
कोरोना को मात देने वाले भी 40 दिन के बाद पूरी तरह से रहें सतर्क: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि जिन लोगों ने कोरोना को भी मात दे दी है, वैसे लोगों में भी जो एंटीबॉडी विकसित हुई है वह 40 दिन के बाद कमजोर पड़ने लगती है. वैसे लोगों पर भी सामान्य लोगों की तरह ही कोरोना का खतरा रहता है. इसलिए लापरवाही नहीं बरतें. चाहे डेंगू से ठीक होने वाले हो या मलेरिया को मात देने वाले या फिर कोरोना से उबरे हो, अभी के माहौल में हर व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए.
घर से निकलते वक्त लगाएं मास्क: डेंगू, मलेरिया और कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति भी घर से निकलते वक्त जरूर मास्क लगाएं. अगर संभव हो तो ग्लब्स भी पहन कर जाएं. शारीरिक दूरी का पालन करना नहीं भूलें. घर में साफ सफाई का भी रखें ध्यान. सतर्कता से ही हम कोरोना को मात दे सकते हैं. इसलिए किसी भी तरह की खुशफहमी नहीं पालें और सावधानी बरतें.