आंदोलन के 100 दिन पुरे होने के बाद वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को किसानों ने किया जाम

तीन कृषि कानून सरकार द्वारा ऐलान किये जाने बाद से देश भर में हाहाकार मचा हुआ हैं किसान इस कानून के विरोध लगातार प्रदर्शन कर रहें हैं। हालांकि किसानों को इस बात का डर है कि यह नये कानून मंडी प्रणाली को ख़त्म कर देगा। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को आंदोलन के 100 दिनों को चिह्नित करने के लिए वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे) को ब्लॉक कर दिया।

346
वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को किसानों ने किया जाम

New delhi: तीन कृषि कानून सरकार द्वारा ऐलान किये जाने बाद से देश भर में हाहाकार मचा हुआ हैं किसान इस कानून के विरोध लगातार प्रदर्शन कर रहें हैं। हालांकि किसानों को इस बात का डर है कि यह नये कानून मंडी प्रणाली को ख़त्म कर देगा। किसानों का कहना हैं की इस कानून को पहले की तरह ज्यों का त्यों कर दें सरकार इस कानून में किसी प्रकार का कोई उल्ट फेर किसानों को मंजूर नहीं हैं। अब एक तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पार डंटे हुए हैं तो वही दूसरी तरफ सरकार अपनी बात किसानों को समझाने में लगी हुई हैं।

किसान आंदोलन के पुरे हुए 100 दिन

आपको बता दें यह विरोध ज्यादातर शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन 26 जनवरी को हिंसा की एक संक्षिप्त स्थिति के कारण एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी भी इस प्रदर्शन के दौरान घायल हो गए। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद, दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर और टिकरी सीमाओं के विरोध स्थलों के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए। अब केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को आंदोलन के 100 दिनों को चिह्नित करने के लिए वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे) को ब्लॉक कर दिया।

आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसान वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर  एकत्रित - IndiaDares

एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने से पहले ट्रैफिक एडवाइजरी को चेक कर लें

Kisan Andolan: दिल्लीवालों के लिए Good News! इन बॉर्डर पर शुरू हुई एंट्री |  Zee Business Hindi

राष्ट्रीय राजधानी के बाहर मौजूद छह लेन के इस एक्सप्रेसवे पर किसान अपनी कारों, ट्रकों और ट्रैक्टरों के साथ इकट्ठे हो गए हैं। इस रास्ते से जाने वालों यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने से पहले ट्रैफिक एडवाइजरी को जरूर चेक कर लें।

किसानों की मांगे पूरी होने के बाद ही ख़त्म होगा आंदोलन

ncr Kisan Andolan Delhi Delhi businessmen eyeing talks between government  and farmers

दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर बीते साल 26 नवंबर से ही केंद्र के इन तीन कृषि काननों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है, आंदोलन के इन 100 दिनों में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे हैं, इस बीच किसानों ने दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड का भी सामना किया।चूंकि गर्मियों में कटाई का मौसम शुरू हो जाता है, लेकिन शनिवार को इकट्ठा हुए किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनके पास वापस जाने की कोई योजना नहीं है।

पंजाब के किसान राजा सिंह ने कहा ‘कमजोर नहीं हैं हम’

पंजाब के 58 वर्षीय किसान राजा सिंह का कहना है, “कड़ी ठंड ने भी हमारे आंदोलन को कमजोर नहीं किया और ना ही आने वाली गर्मी से ऐसा होने वाला है।” पंजाब के एक अन्य किसान ने कहा कि सरकार ने हमारे पास विरोध करने के अलावा और कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा है। दिल्ली से सटे सिंघू, टिकरी और गाजीपुर की सीमाओं पर किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अधिनियम, 2020 के किसानों (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते, किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार इन तीनों कानूनों को रद्द करें।