परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल कर जीएं खुशहाल जीवन

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-जिले में चल रहा जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा
-परिवार नियोजन को लेकर किया जा रहा जागरूक
बांका, 19 जुलाई-
जिले में अभी परिवार नियोजन पखवाड़ा चल रहा है। जनसंख्या दिवस 11जुलाई के दिन शुरू हुआ यह पखवाड़ा 31 जुलाई तक चलेगा। इसके तहत लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही परिवार नियोजन साधन को अपनाने के लिए अस्थायी सामग्री की जानकारी लोगों को दी जा रही  और इसका वितरण भी किया जा रहा है। लोगों को इस अभियान में भाग लेने के जरूरत  औऱ परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल कर खुशहाल जीवन जीने की आवश्यकता है।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के तहत लोगों को परिवार नियोजन की जानकारी दी जा रही है। जिले के लोग भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जानकारी दे रही हैं तो एएनएम के जरिये लोगों की काउंसिलिंग की जा रही। इसके साथ ही लोगों को बंध्याकरण, अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल के प्रति जो भ्रम है उसे भी दूर किया जा रहा है। लोगों के मन में अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल के प्रति जो भ्रम है, उसे भी दूर किया जा रहा है।
अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल से नहीं होता नुकसानः बहुत सारे लोगों के मन में परिवार नियोजन के अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल को लेकर भ्रम रहता है। लेकिन लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। एसीएमओ डॉ. चौधरी कहते हैं कि अस्थायी सामग्री के तौर पर लोग कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा का इस्तेमाल करने से डरें नहीं, इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इन साधनों का इस्तेमाल कर आप सही तरीके से परिवार नियोजन कर सकते हैं। अगर आपके मन में किसी तरह भ्रम है तो नजदीकी  सरकारी अस्पताल में जाएं, वहां आपके भ्रम को दूर कर दिया जाएगा।
पहला बच्चा 20 साल के बाद हीः एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि पहला बच्चा महिलाओं को 20 साल के बाद ही जनना चाहिए। साथ ही दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखना चाहिए। दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल रखने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे वह बीमारियों की चपेट में आने से बचा रहता है। अगर आ भी जाता है तो वह उससे जल्दी उबर जाता है। इसके अलावा दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने से जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है।
दो बच्चे के बाद कराएं बंध्याकरणः एसीएमओ डॉ. चौधरी ने कहा कि अभियान के दौरान लोगों के बीच दो बच्चे के बाद बंध्याकरण की सलाह दी जा रही है। अभियान के दौरान जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें तो तत्काल बंध्याकरण की सलाह दी जाती है, लेकिन जिनके दो बच्चे हो गए हैं उन्हें भी जल्द ही बंध्याकरण कराने को कहा जाता है। इसके लिए छोटा परिवार होने के फायदे के बारे में बताया जाता है। लोगों को समझाया जाता है कि छोटा परिवार होने से न सिर्फ स्वास्थ्य, बल्कि आर्थिक तौर पर भी आजादी मिलती है।