-धोरैया प्रखंड की टीम नंबर 10 की आशा रिंकी देवी और अनिता देवी अभियान को बना रहीं सफल
-जिले में एमडीए अभियान के तहत लोगों को खिलाई जा रही अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली
बांका, 21 फरवरी-
जिले में फाइलेरिया को लेकर 10 फरवरी को शुरू हुआ अभियान काफी सफलतापूर्वक चल रहा है। अभियान में कुछ औऱ दिन बचे हुए हैं। इसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिला रही हैं। गोली खिलाने के दौरान लोगों के कुछ सवाल भी होते हैं, जिसका निराकरण आशा कार्यकर्ता कर रही हैं। इससे लोगों का भी भ्रम दूर हो जा रहा और अभियान भी सफल हो रहा है। वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल कहते हैं कि दरअसल, अभियान के दौरान दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जा रही है। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जा रही है। 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जा रही है। इसे लेकर लोगों के मन में सवाल रहता है कि अलग-अलग उम्र के लोगों की दवा का डोज अलग-अलग क्यों है। इसे भी आशा कार्यकर्ता समझा रही हैं। धोरैया प्रखंड की टीम नंबर 10 की आशा कार्यकर्ता रिंकी देवी और अनिता देवी अपने क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं।
सामने ही गोली खिला रहीं आशाः बीसीएम उद्धव कुमार कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को थोड़ा समझाना पड़ता है। कई लोग तो यह भी कहते हैं कि जब सभी लोगों को गोली खिलाई जा रही है तो दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को गोली क्यों नहीं खिलाई जा रही है। साथ ही भूखे पेट गोली खाने से क्या नुकसान होता है। लोगों के इन सवालों का भी समाधान किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि आशा कार्यकर्ता अपने सामने ही गोली खिला रही हैं। हमलोग निरीक्षण के दौरान भी इस बात को देखते हैं।
गोली खिलाने से पहले करती हैं संवादः आशा रिंकी देवी कहती हैं कि दवा खिलाने के दौरान कई सवालों का सामना करना पड़ता है। अगल लोगों के सवालों के समाधान नहीं करती हूं तो दवा खिलाने में दिक्कत होती है। इसलिए पहले लोगों की समस्याओं का समाधान करती हूं। फिर दवा खिलाती हूं। आशा अनिता देवी कहती हैं कि हमलोग पहले संवाद करते हैं। इसके बाद गोली खिलाती हूं। सामने में इसलिए गोली खिलाती हूं, ताकि कोई समस्या नहीं हो। अगर मेरे सामने समस्या आएगी तो उसका उसी समय समाधान कर दिया जाएगा।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए।