– अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस • शहर के एक होटल में सम्मान समारोह का आयोजन कर प्रशस्ति-पत्र और उपहार देकर किया गया सम्मानित
– राज्य के दस जिलों के लाभार्थियों को किया गया सम्मानित, बेहतर कार्य के लिए दी गई बधाई
भागलपुर, 08 मार्च-
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को शहर के एक होटल में कोविड, पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली महिला डाॅक्टर, एएनएम, ऑगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। यह आयोजन स्वास्थ्य विभाग, केयर इंडिया और आईसीडीएस के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। जिसका उदघाटन सिविल सर्जन डाॅ उमेश कुमार शर्मा, डीपीएम फैजान आलम अशर्फी, क्षेत्रीय निदेशक (स्वास्थ्य) डाॅ अजय कुमार सिंह, आईसीडीएस की डीपीओ सीलिमा कुमारी, केयर इंडिया की डीटीओ-ऑन सुपर्णा टाट ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित और फीता काटकर विधिवत रूप से किया। इस आयोजन में प्रदेश के दस जिलों के चयनित लाभार्थियों को प्रशस्ति-पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया गया। जिसमें भागलपुर सहित बाँका, जमुई, नवादा, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और मुंगेर के बेहतर कार्य करने वाली महिला डाॅक्टर, एएनएम, ऑगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता को सम्मानित व बेहतर कार्य करने के लिए बधाई दी गई। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के डाॅ प्रशांत कुमार, केयर इंडिया के राजेश मिश्रा, कन्हैया कुमार, आलोक कुमार, मानस नायक, कुणाल कुमार आदि मौजूद थे।
– बेटों से आगे निकल रही है बेटियाँ, सिर्फ सकारात्मक सहयोग जरूरी : इस अवसर पर सिविल सर्जन डाॅ उमेश कुमार शर्मा ने कहा कि बदलते दौर में सामाजिक कुरीतियों को मात मिली है। जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि आज हर क्षेत्र में बेटों से बेटियाँ आगे निकल रही हैं। सिर्फ, बेटियों को सकारात्मक सपोर्ट की जरूरत है। इसलिए, मैं मौजूद तमाम लोगों से अपील करूँगा कि पुराने ख्यालातों से बाहर आकर बेटे की तरह ही बेटियों को भी सपोर्ट करें। मुझे भी तीन बेटी और एक बेटा है। किन्तु, मैंने कभी बेटा और बेटी में फर्क नहीं समझा। बेटे की तरह तीनों बेटियों को भी अच्छी शिक्षा दी।
– हर क्षेत्र में बेटियाँ पेश कर रही कामयाबी की मिसाल : क्षेत्रीय निदेशक (स्वास्थ्य) डाॅ अजय कुमार सिंह ने कहा, अमेरिका जैसे विकसित देशों से महिला दिवस की शुरुआत हुई और आज पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि बेटियों के प्रति पुराने ख्यालातों से बाहर आकर सामाजिक कुरीतियों को खत्म करना। हालाँकि, बीते जमाने की तरह सामाजिक स्तर पर बहुत बदलाव भी हुआ और अभी और होने की जरूरत है। जैसे लोगों की मानसिकता बदल रही है वैसे-वैसे बेटियाँ आगे बढ़ रही हैं। हर क्षेत्र में बेटियाँ कामयाबी की मिसाल पेश कर नई कीर्तिमान स्थापित कर रही है। वहीं, डीपीएम (हेल्थ) फैजान आलम अशर्फी ने कहा कि अब वो दिन दूर नहीं, जब हर क्षेत्र के शीर्ष कमान की जिम्मेदारी बेटियों की हाथ होगी।