– स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता के माध्यम से मिली सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध समुचित इलाज की जानकारी
– आशा कार्यकर्ता का रहा सकारात्मक सहयोग, इनकी ही देखरेख में शुरू हुआ इलाज
खगड़िया-
टीबी बीमारी को मात दे चुकीं खगड़िया के रहमपुर निवासी 30 वर्षीय पूजा कुमारी ( काल्पनिक नाम ) का मानना है कि समय पर इलाज शुरू कराने से ही मैं इस बीमारी को आसानी से ना सिर्फ मात देने में सफल रही, बल्कि मुझे इस बीमारी से स्थाई निजात भी मिली। पूजा बताती हैं कि उन्हें अचानक तेज खांसी हुई जिसके बाद स्थानीय चिकित्सकों से सामान्य खांसी समझ कर अपनी दवाई ली। किन्तु, आराम नहीं हुआ और दिनोंदिन परेशानी बढ़ती गई। जिसके बाद बातचीत के दौरान अपने पड़ोस की स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा ममता देवी को अपनी परेशानी बतायी | उन्होंने कहा कि चलिए आप सदर अस्पताल में जाँच करा लीजिए। वहाँ चिकित्सकों की देखरेख में अच्छा इलाज होता है। किन्तु, सरकारी अस्पताल का नाम सुनकर मैंने वहाँ नहीं जाने की बात कही तो उन्होंने कहा कि चलिए मैं हूँ ना आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं उनकी बात पर ही सरकारी अस्पताल गई। जहाँ जाँच के बाद मुझे टीबी होने की जानकारी मिली। जिसके बाद मैं काफी उदास हो गई और सोचने लगी कि अब क्या मेरा क्या होगा। किन्तु, अस्पताल में मौजूद कर्मियों ने मेरा चेहरा देखकर कहा कि आप क्यों इतना उदास हो गये। यह कोई बड़ी बीमारी थोड़ी है। इसका इलाज यहीं हो जाएगा और आप पूरी तरह स्वस्थ हो जाइएगा। केवल आप चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज शुरू कराएं और नियमित रूप से दवाई का सेवन करें। जिसके बाद मैंने अपना इलाज उसी दिन से शुरू कर दिया ।
– आशा के माध्यम से ही मिली जानकारी और इलाज के दौरान भी रहा काफी सहयोग :-
पूजा देवी ने बताया कि आशा के ही माध्यम से मुझे सरकारी अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था होने की जानकारी मिली एवं उनकी के ही ससाकारात्मक पहल से मैं सरकारी अस्पताल गई। जहाँ मेरा इलाज शुरू हुआ। इलाज के दौरान भी आशा ने काफी सहयोग किया की। जब से मेरा इलाज शुरू हुआ वो दो दिन, तीन दिन में मेरे रा घर आकर मेरा हालचाल लेती रही। वहीं, पूजा ने बताया कि इलाज के लिए अस्पताल कर्मियों ने हमसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति ली लिए एवं पूरा नाम पता पूछे। जिसके बाद मुझे दवाई भी दी दिए।
– समुचित इलाज के लिए दवाई की ली पूरी डोज :- वहीं, पूजा देवी ने बताया कि सदर अस्पताल में दवाई मिलने के साथ मैं नियमित रूप से चिकित्सा परामर्श के अनुसार दवाई का सेवन करने लगी गा। जिसके दौरान मुझे दो-तीन माह में ही लगने लगा कि मैं पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हूँ। किन्तु, मेरे मन को संतुष्टि नहीं हो रही थी। इसके बाद पुनः मैं आशा के साथ सदर अस्पताल गई। जहाँ फिर जाँच करवाई तो अस्पताल कर्मियों ने बताया कि आप अब ठीक हैं है। किन्तु, दवाई की डोज पूरी कर लें। इसके बाद मैं छः माह तक दवाई की पूरी डोज ली और अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूँ।
– इलाज के दौरान आर्थिक सहायता भी मिली :-
वहीं, पूजा ने बताया कि इलाज के दौरान मुझे छः माह तक पाँच सौ रुरूपये प्रति प्रतेक माह के हिसाब से सहायता राशि भी मिली। यह सहायता राशि मुझे बैंक खाते के माध्यम से दी गई। साथ ही अस्पताल से सभी दवाई भी मुफ्त मिली और आशा से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों का भी काफी सहयोग मिला।
– टीबी होने पर घबराएं नहीं, अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित जाँच और इलाज की मुफ्त सुविधा :-
वहीं, पूजा ने कहा कि मैं अन्य लोगों से भी अपील करती हूँ कि टीबी बीमारी होने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि, लक्षण दिखते ही स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी ना चाहिए। दरअसल, यह एक सामान्य बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी भी लोगों को इलाज के लिए खर्च की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है।
– इन मानकों का रखें ख्याल, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
– दो गज की शारीरिक दूरी का हमेशा रखें ख्याल।
– मास्क का नियमित रूप से करें उपयोग।
– साफ-सफाई का भी रखें विशेष ख्याल।
– बाहरी खाना खाने से करें परहेज।
– घर से बाहर निकलने पर निश्चित रूप से सैनिटाइजर का करें उपयोग।
– भीड़-भाड़ वाले जगहों पर जाने से करें परहेज।