• गर्भवती महिलाएं साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान
• स्वच्छ पानी के सेवन से कई रोगों से मिलेगी मुक्ति
• हुकवर्म पेट में संक्रमण एवं एनीमिया के लिए होता है जिम्मेदार
पटना/ 5, जनवरी: कोरोना संक्रमण काल में स्वच्छता एवं साफ-सफाई की जरूरत को सबने महसूस किया है. कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर भी लोगों से मास्क पहनने एवं हाथों की नियमित सफाई करने की अपील की जा रही है. स्वच्छता एवं साफ़-सफाई कोरोना रोकथाम के साथ एनीमिया बचाव में भी काफ़ी कारगर है. साथ ही ऐसे कई अन्य संक्रामक रोग भी हैं जो दूषित पानी के सेवन या स्वच्छता के आभाव में फैलती है. जिसमें डायरिया एवं टायफाईड प्रमुखता से शामिल होते हैं.
हुकवर्म से शरीर में संक्रमण के साथ होती है खून की कमी:
हुकवर्म एक परजीवी होता है. यह दूसरे जीवित प्राणी के शरीर में जीवित रहते हैं. हुकवर्म इन्फेक्शन छोटी आंत में होता है. हुकवर्म का लार्वा त्वचा के संपर्क में आने के बाद छोटी आंत में पहुँचता है. जिसके बाद शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जिसमें पेट में दर्द, उल्टी का होना, भूख न लगना, शरीर में खुजली होना, वजन कम जाना एवं थकान जैसे लक्षण शामिल होते हैं. हुकवर्म के कारण शरीर में हेमोग्लोबिन यानी खून की कमी भी हो जाती है. समान्य तौर पर यह संक्रमण गाँव में अधिक होता है जिससे छोटे बच्चे भी प्रभावित होते हैं. यह संक्रमण ज्यादातर गंदगी के कारण ही होता है. खुले में शौच करना, हाथों की अच्छी से सफाई नहीं करना एवं नंगे पाँव जमीन पर चलने से इस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इस लिहाज से साफ़-सफाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आँतों का वर्म विकासशील देशों के 10 फीसदी आबादी को संक्रमित करता है. जिससे एनीमिया, कुपोषण एवं बच्चों में विकास बाधित होता है.
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानियां:
गर्भवती महिलाओं को साफ़-सफाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है. गर्भावस्था में खून की कमी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. हाथों की उचित साफ़-सफाई के आभाव में हुकवर्म का खतरा गर्भवती महिलाओं को भी हो सकता है एवं इससे संक्रमण के साथ खून की कमी भी हो सकती है. इस लिहाज से गर्भवती महिलाएं हर बार हाथ धोते समय साबुन या राख का उपयोग करें. बहते या बहते पानी के नीचे हाथ धोएं. भोजन को तैयार करने या खाने से पहले हाथ धोएं और किसी को खिलाने या दवाइयाँ देने से पहले भी हाथों की सफाई करें. शौचालय जाने के बाद, शौच करने वाले व्यक्ति की सफाई करने, नाक बहने, खांसने, छींकने या किसी जानवर या जानवर के अपशिष्ट को संभालने के बाद और किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करने से पहले और बाद में भी हाथ धोएं. साथ ही घर में पीने के पानी को स्वच्छ रखें. पानी को उबालकर या फ़िल्टर युक्त पानी का सेवन करना जरुरी है. इससे दूषित पानी से फैलने वाले रोगों की आसानी से रोकथाम हो सकती है.
स्वच्छता एवं साफ़-सफाई वर्तमान समय की माँग:
सिविल सर्जन ने बताया कि वर्तमान समय में स्वच्छता एवं साफ़-सफाई अनिवार्य है. इससे कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम करने में सहयोग मिलेगा. साथ ही दूसरे संक्रामक रोगों से भी निजात मिलेगी. उन्होंने बताया कि बच्चों में डायरिया दूषित पानी एवं हाथों की साफ़-सफाई की कमी के कारण ही होते हैं. इसको लेकर आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान हाथों की सफाई के बारे में जानकारी भी देती है. उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर यह अपील भी की कि लोग घर से निकलने से पहले मास्क का प्रयोग करें एवं जिन्होंने टीका नहीं लिया वह जरुर टीका लें. साथ ही 15 से 18 आयुवर्ग के युवा भी ख़ुद को टीकाकृत कर लें.