7 जुलाई से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की होगी शुरुआत 

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-मीडिया कार्यशाला द्वारा जिले मे फाइलेरिया उन्मूलन् अभियान को सफल् बनाने को लेकर हुई चर्चा
-14 दिनों के अभियान के दौरान जिले के  33.64 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य
बिहारशरीफ, 5 जुलाई-
सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च , पटना  के सहयोग से जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग द्वारा मंगलवार  को सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन सभागार  में फाइलेरिया नियंत्रण के लिए मीडिया कार्यशाला आयोजित की गयी. सिविल् सर्जन् डॉ  अविनाश् कुमार सिंह की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की सूक्ष्म कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गयी.
कार्यशाला मे उपस्थित मीडियाकर्मियों को संबोंधित करते हुए सिविल  सर्जन   ने  कहा कि फाइलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में  7 जुलाई से 14  दिनों  तक सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने  कहा कि लोगों  को जागरूक कर अभियान  को सफल् बनाने मे मीडियाकर्मियों का योगदान अहम है. उन्होंने बताया कि 2 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को फाइलेरिया की दोनों दवा खिलाई जाएगी. 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी. अभियान को सफल बनाने हेतु आशा एवं आँगनबाड़ी घर-घर जाकर लक्षित समुदाय को फाइलेरिया की दवा खिलाएगी. साथ ही आशा एवं आंगनबाड़ी यह सुनिश्चित करेंगी  कि उनके सामने ही लोग दवा का सेवन करें।
जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है. कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण  सामने आने में वर्षों लग जाता है.इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. उन्होंने बताया कि आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें. कभी-कभी खाली पेट दवा खाने से भी कुछ समस्याएं होती हैं . आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियाँ है जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है. फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है. इसलिए दवा सेवन से किसी भी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट मरीज के हित में ही है. दवा खाने से किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क किया जा सकता है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उन्होंने मीडिया से अपील भी की.
इस अभियान में डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियाँ लोगों की दी जाएगी.2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल  की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल  की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल  की एक गोली दी जाएगी. अल्बेंडाजोल  का सेवन चबाकर किया जाना है.
केयर इंडिया के डीपीओ वीएल प्रमोद ने बताया इस पूरे अभियान के दौरान जिले की 33,64922 आबादी  को दवा खिलाई जाएगी। जिसके लिए 35,70000 अल्बेंडाजोल  की खुराक जिले में उपलब्ध  है। विदित हो कि  पिछले दिनों चलने वाले नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 3965 सैंपल संग्रह किये गये थे।
क्या है फाइलेरिया: इसे हाथीपाँव  रोग के नाम से भी जाना जाता है. बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना फाइलेरिया के  शुरुरूआती लक्ष्ण होते हैं. यह क्यूलेक्स नामक  मच्छर के काटने से फैलता है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है. फाइलेरिया से जुडी विकलांगता जैसे प्लिंफोइडिमा( पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील(अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को  इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है