शहरी पीएचसी में सुचारू तरीके से चल रहा टीकाकरण

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अस्पताल की बेहतर व्यवस्था को देखकर लोगों खत्म हो रही झिझक
दिन-प्रतिदिन यहां टीकाकरण के लिए आने वालों की बढ़ रही संख्या
बांका, 14 जुलाई:
शहरी पीएचसी में टीकाकरण का सुचारू तरीके से चल रहा है। अस्पताल की बेहतर व्यवस्था को देखकर अब लोगों की झिझक खत्म होने लगी है और पहले की ही तरह पीएचसी में लोग टीकाकरण के लिए आ रहे हैं।
 शहरी पीएचसी प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया कोरोना को लेकर कुछ दिनों के लिए स्वास्थ्य सेवा रोक दी गई थी, लेकिन निर्देश मिलने के बाद से टीकाकरण को फिर से बहाल कर दिया गया है। शुरुआत में लोगों में कुछ हिचकिचाहट जरूर थी, लेकिन अस्पताल में व्यवस्था को सुचारू तरीके से देखने के बाद लोग पहले की तरह यहां पर आने लगे हैं। लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अभी यहां पर बेहतर तरीके से टीकाकरण का काम चल रहा है। चार डॉक्टरों की टीम मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं। साथ ही अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी उनकी हर तरह से मदद कर रहे हैं।
मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान: शहरी पीएचसी में तैनात डॉक्टर लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए टीकाकरण पर जो रहे हैं। डॉ. चौधरी ने बताया कि पीएचसी में आने वाले लोगों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। टीकाकरण के दौरान सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। अस्पताल की नर्स व एएनएम पूरी तरह से टीकाकरण के काम में लगे हुए हैं। अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी पूरी सावधानी बरत रहे हैं।
सामाजिक दूरी का रखा जा रहा ख्याल: अस्पताल में टीकाकरण के लिए आने वाले लोगों व उनके परिजनों से सामाजिक दूरी का पालन करवाया जा रहा है। दो लोगों के बीच दो मीटर की दूरी हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है। बाहर से आने वाले लोगों को देखने से पहले विशेष सतर्कता बरती जा रही है। यहां आने वाले मरीजों को मास्क और सेनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पूरी तरह  मास्क और ग्लब्स पहनकर अपने काम में लगे हुए हैं।
सभी लोगों की हो रही थर्मल स्कैनिंग: अस्पताल में आने वाले सभी व्यक्ति, चाहे मरीज हो या फिर उसके परिजन उसकी थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। शरीर के तापमान को मापने के बाद ही इलाज किया जा रहा है। इस दौरान अगर कोई संदिग्ध मरीज दिखता है तो उसे सैंपलिंग के लिए भेज दिया जाता है। स्वास्थ्यकर्मी पूरी मुस्तैदी से अपने मोर्चे पर डटे हुए हैं।