रोग से जा सकती है आंखों की रोशनी, होती सकती है मौत
कुपोषण के कारण शिशु को है खसरा संक्रमण का खतरा
खसरा की रोकथाम का प्रभावी तरीका है एमएमआर टीकाकरण
स्वास्थ्य विभाग ने जिला में पुन: बहाल किये टीकाकरण कार्यक्रम
जमुई , 30 जून: कोरोना संक्रमण के इस संकटकाल में गंभीर संक्रामक रोगों की जानकारी होना आवश्यक है. विशेषकर बच्चों के रोग प्रतिरोधी क्षमता को अधिक ध्यान में रखना जरूरी होता है ताकि भविष्य में उनका शरीर किसी भी रोग से सामना कर सके. संक्रामक बीमारियों में खसरा एक गंभीर और घातक बीमारी है जो बच्चों की मौत का कारण भी बनती है. ऐसे में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर उनकी सुरक्षा की जा सकती है और इसका प्रभावी तरीका टीकाकरण है.
लाल चकते व सूखी खांसी को नहीं करें नजरअंदाज:
खसरा रोग को मीजल्स भी कहते हैं. यह रूबेला वायरस के कारण होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक खसरा रोग संक्रमित व्यक्ति के खांसी या छींक के साथ निकलने वाली बूंदों में मौजूद वायरस हवा में फैल जाता है और यह दूसरे को प्रभावित करता है. इसके लक्षण दिखने में 14 दिन लग जाते हैं. संक्रमण के कारण मरीज को खांसी व बुखार के साथ शरीर पर खुजली वाले लाल चकत्ते हो जाते हैं. ये चकते पहले कानों के पीछे, गर्दन व सिर पर उभरते हैं. मरीज न्यूमोनिया व गंभीर डायरिया से पीड़ित हो जाता है. और इलाज नहीं मिल पाने के कारण उसकी मौत हो जाती है. लक्षणों की पहचान इस प्रकार की जा सकती है.
• सूखी खांसी
• गले में खराश
• बहती नाक
• आंखों में सूजन
• त्वचा पर चकते
विटामिन ए की कमी व कुपोषण संक्रमण की वजह:
खसरा कई शारीरिक जटिलताओं जैसे अंधापन, मेनेनजाइटिस या मस्तिष्क में सूजन सहित ब्रेन डैमज का कारण बनता है. इस संक्रमण का एक बड़ा कारण पोषण की कमी है. कुपोषित बच्चों में संक्रामक बीमारियां जल्द धावा बोल शरीर को बीमार कर देती हैं. विटामिन ए की कमी के साथ कमजोर रोग प्रतिरक्षा प्रणाली वाले बच्चों को यह बहुत अधिक जल्द प्रभावित करती है.
एमएमआर का टीका बच्चों को जरूर लगवायें:
स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को पुन: बहाल किया गया है. एमएमआर टीकाकरण में खसरा के टीके को मंप्स और रुबेला के टीके के साथ ही लगाया जाता है. ये टीकाकरण शिशु के एक साल की उम्र होने के साथ कर दिया जाना जरूरी है. संक्रमण को लेकर एक धारणा यह भी है कि इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, लेकिन ये सब मिथ्याएं हैं और समय पर इलाज नहीं होने से बच्चे की मौत हो जाती है. खसरा संक्रमण की रोकथाम के लिए एमएमआर टीकाकरण ही प्रभावी है. टीकाकरण नौ माह व डेढ़ साल पर किये जाते हैं. इसके साथ ही शिशु को विटामिन ए की खुराक भी दी जाती है