ग्रामीण स्तर पर टीबी मरीजों को चिह्नित कर उनकी सही जांच और बेहतर इलाज सुनिश्चित कराने के लिए आगे आएं आंगनबाड़ी सेविका : पीसी वर्मा

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– टीबी मरीजों की पहचान कर उन्हें कुपोषण से बचने के लिए जागरूक करें सेविकाएं : इंदू
– लखीसराय के हलसी प्रखण्ड मुख्यालय में यक्ष्मा और पोषण विषय पर परिचर्चा

लखीसराय-
वर्ष 2025 तक लखीसराय को टीबी मुक्त बनाने के लिए जिले के ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने क्षेत्र में टीबी मरीजों की पहचान कर उन्हें सही समय पर सही जांच और बेहतर इलाज के लिए जागरूक करें। यह बातें गुरुवार को जिले के हलसी प्रखंड मुख्यालय स्थित अम्बेडकर सभागार में केयर इंडिया और सीफार के सहयोग से आईसीडीएस लखीसराय के द्वारा टीबी और पोषण विषय पर आयोजित परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. पीसी वर्मा ने कही। उन्होंने बताया कि पहले लोगों को टीबी की सही जांच और उसके बेहतर इलाज की कोई जानकारी नहीं थी। लोग टीबी को एक गंभीर संक्रामक बीमारी के साथ ही छुआछूत की बीमारी समझते थे और टीबी मरीज को अपने परिवार से दूर किसी शांत और खुले स्थान पर रहने के लिए छोड़ दिया जाता था। लेकिन अब वो स्थिति नहीं है| हालांकि टीबी अभी भी एक गंभीर संक्रामक बीमारी है लेकिन यह छुआछूत व लाइलाज बीमारी नहीं है। अब टीबी मरीजों की सही समय पर पहचान हो जाने के बाद उसके सही जांच और इलाज की निःशुल्क व्यवस्था जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध है। इसके साथ ही टीबी मरीजों के उचित पोषण के लिए प्रधानमंत्री निक्षय योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह की राशि सीधे उनके एकाउंट में तब तक क्रेडिट होता रहता है जब तक टीबी मरीजों की दवा जारी रहती है।
उन्होंने बताया कि वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर 24 मार्च से एक नई सुविधा केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई है| जिसके तहत टीबी मरीजों का नाम और नंबर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद राज्य कार्यालय से प्रत्येक एक या दो दिन के अंतराल पर फोन कॉल कर यह बताया जाता है कि वो निक्षय योजना के तहत 500 रुपये की अनुदान राशि का लाभ उठाने के लिए तत्काल टीबी विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर अपना आधार और बैंक डिटेल्स जमा करवाएं| ताकि इस योजना के तहत उनको अनुदान राशि लगातार भेजी जा सके।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्तर पर टीबी मरीजों को चिह्नित करने के लिए पांच सदस्यों की एक टीम गठित की गई है| जो टीबी मरीजों की पहचान कर सही समय पर जांच और इलाज सुनिश्चित करवाएंगे। इस टीम में सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं के अलावा , आशा कार्यकर्ता, क्षेत्र के दो प्रबुद्ध आदमी, टीबी चैंपियन और स्थानीय वार्ड सदस्य और मुखिया शामिल हैं । इसके लिए एक निश्चित कार्य योजना तैयार कर ली गई है।

टीबी मरीजों को कुपोषण से मुक्ति के लिए पोषक तत्वों से युक्त खाना खाने के लिए करें प्रेरित :
हलसी प्रखंड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इंदू कुमारी ने कहा पोषण अभियान के तहत आप सभी अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं, धातृ महिलाओं के साथ ही कुपोषित बच्चों की माताओं को कुपोषण से बचने के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार लेने के लिए लगातार प्रेरित कर रही हैं । लोगों में टीबी होने का प्रमुख वजह उसका कुपोषित होना भी होता है। इसलिए आप सभी सेविकाएं अपने क्षेत्र में टीबी मरीजों की पहचान करने के साथ ही उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थ को अपने भोजन में शामिल करने के लिए जागरूक करें।

इस अवसर पर जिले के डीटीएल केयर नावेद उर रहमान ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को टीबी और पोषण से सम्बंधित आवश्यक जानकारी दी । हलसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि हलसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य विभाग से जारी सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन करने के लिए सजग है। टीबी और पोषण जागरूकता के लिए हलसी में लगातार अभियान चलाकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर महिला पर्यवेक्षिका नूतन कुमारी, स्नेहलता कुमारी और ममता कुमारी के अलावा केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर शंभू कुमार सहित काफी संख्या में सेविका और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।