कई राज्यों की सीमाओं पर रोके गए हैं लाखों मजदूर
लाॅकडाउन के बीच 37 दिन से देश के विभिन्न हिस्साें में फंसे मजदूराें, छात्राें अाैर अन्य लाेगाें की वापसी के लिए राज्यों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, बिहार अाैर झारखंड ने विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है। इन राज्याें की दलील है कि लाखाें लाेगाें काे बसाें से इधर-उधर भेजने की प्रक्रिया पूरी हाेने में महीनाें लग जाएंगे। हालांकि, इस मांग पर गृह मंत्रालय ने गुरुवार काे एक बार फिर स्पष्ट किया िक अभी लाेगाें के समूहाें काे सिर्फ बसाें के जरिये ही राज्याें के बीच अावाजाही की छूट दी गई है।
उत्तरप्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों से मजदूराें काे लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सबसे पहले मध्यप्रदेश से लाेगाें काे निकाला जाएगा। इसी बीच, साइकिल पर महाराष्ट्र के भिवंडी से यूपी के गाेरखपुर के लिए निकले 50 साल के मजदूर की गुरुवार को मध्यप्रदेश की सीमा पर मौत हो गई। गुजरात सरकार ने फंसे हुए लाेगाें काे अावाजाही की सुविधा देने के लिए पाेर्टल लाॅन्च कर 16 अफसराें की ड्यूटी लगाई है। अावाजाही के बीच त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने गुरुवार काे कहा कि अभी लाॅकडाउन जारी रहे। सभी पाबंदियां वैक्सीन बनने के बाद ही हटाएंगे।
बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी बोले- बसों से लाने में महीनों लगेंगे
{पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- राज्य में 10 लाख से ज्यादा प्रवासी हैं। इनमें 70% बिहार के हैं। बसाें से इतने लाेगाें काे नहीं भेज सकते। पर्याप्त स्क्रीनिंग के साथ सुरक्षित तरीके से सिर्फ ट्रेनाें में ही भेजना संभव है।
{तेलंगाना के मंत्री टी. श्रीनिवास यादव ने कहा कि राज्य में 15 लाख प्रवासी हैं। इनमें से ज्यादातर लाेग बिहार, झारखंड अाैर छत्तीसगढ़ के हैं। अगर इन्हें बसाें से रवाना करेंगे ताे अपने राज्य पहुंचने में तीन से पांच दिन लगेंगे। इतने लंबे सफर पर बसाें में भेजना उचित नहीं है।
{बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील माेदी ने कहा कि प्रदेश में लाैटने वालाें की संख्या 27 लाख से ज्यादा है। बसाें पर ही निर्भर रहे ताे सबकाे लाने में महीनाें लगेंगे। नाॅन स्टाॅप ट्रेनें चलानी चाहिए।
{केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य में 3.60 लाख प्रवासी मजदूर हैं। बस में भेजने से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा।
{तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी ने कहा- केंद्र की स्पष्ट गाइडलाइंस का इंतजार है। वहीं, कर्नाटक सरकार ने कहा कि भेजी जाने वाली बसाें का खर्च लाेगाें काे ही भरना हाेगा।
केंद्र का निर्देश
ट्रकाें के लिए अलग पास की जरूरत नहीं
गृह मंत्रालय ने गुरुवार काे स्पष्ट किया कि लाॅकडाउन के दाैरान एक राज्य से दूसरे में जाने के लिए ट्रकाें काे अलग से पास की जरूरत नहीं है। हालांकि, यह छूट सिर्फ सामान ले जा रहे या डिलीवरी देकर लाैटने वाले ट्रकाें पर लागू रहेगी।
महाराष्ट्र से यूपी, बिहार अाैर राजस्थान लाैट रहे मजदूरों को मध्य प्रदेश की महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा के पास बिजासन घाट पर रोक लिया गया। गुरुवार सुबह यहां एक हजार से अधिक मजदूर जमा हो गए थे। मजदूरों ने 2 घंटे तक हाईवे जाम कर हंगामा किया। इसी बीच जिला प्रशासन ने इन लाेगाें की स्क्रीनिंग शुरू करवाई। कलेक्टर अाैर एसपी के सीमा पर पहुंचने के बाद उनकी घर रवानगी की गई।
मध्यप्रदेश की सीमा पर राेके जाने पर मजदूरों का हंगामा
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